गुरुवार, 12 मार्च 2009

साज और साँस की जंग

संगीत में डूबने का अख्तर आलम का बचपन का शौक कब संगीत सीखने के जुनून में बदल गया, उसे ख़ुद भी पता चलाघर वालों से छुपकर अख्तर ने संगीत की तालीम शुरू कीजब घर वालों को पता चला तो घर में तूफान गयाऔर इन्ही तूफानों को चीरते हुए उसने संगीत का सफर शुरू किया
संगीत की शुरुआती सीढिया उसने अपने गृहनगर कटिहार में ही चढीयहाँ अख्तर ने गाना और गिटार बजाना सीखाफिर उसने और कदम बढाए और वो संगीत के कारण दिल्ली पहुँचायहाँ अख्तर ने संगीत की विधिवत शिक्षा ग्रहण कीचार साल गन्धर्व महाविद्यालय से शिक्षा ली और दिल्ली विश्वविद्यालय में संगीत की पढ़ाई भी शुरु की, लेकिन आर्थिक स्थति ठीक होने के कारण दो साल बाद पढ़ाई छोड़ देंनी पड़ी
२००५ में अख्तर ने सपनों के शहर मुंबई का रुख कियाआँखों में सपने, शोहरत का नशा और बड़े काम की चाहमेहनत रंग लाने लगीसंगीत की दुनिया के बड़े लोगों के साथ उठना-बैठना शुरू हो चुका थाकमाई भी अच्छी- खासी थीगर्दिश के दिन बीत चले थेलेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था
अभी अख्तर को मुंबई आए दो साल ही हुए थे, २००७ में रमजान के पहले रोजे ही पेट में तेज़ दर्द उठादोस्तों ने अस्पताल में भर्ती कराया जब बीमारी पता लगी तो उसकी गंभीरता का अंदाजा थायह कोई आम बीमारी नही थीअख्तर के दोनों गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया थाअब तक जो कमाया था सब बीमारी की भेंट चढ़ गयामजबूरन अख्तर को दिल्ली लौटना पड़ाऔर एक उभरता सितारा गर्दिश में डूब चला

अख्तर आलम गुर्दे की बीमारी के कारण न केवल ज़िन्दगी और मौत से जूझ रही, अपितु महंगे इलाज के चलते गरीबी से भी जूझ रहा है। इस कलाकार की साज और साँस की जंग में सहयोग देने के लिए 'स्वर रंग' द्वारा गत ३१ जनवरी को त्रिवेणी सभागार में एक संगीत समारोह का आयोजन किया गया था, जिसमे अख्तर आलम ने - 'जीवन की शुरुआत से , जीवन के अन्तिम समय तक---' गीत गाकर लोगों से मदद की अपील की थी। इस कार्यक्रम के बाद अख्तर को मिली आर्थिक मदद से उसे साज और साँस की जंग जीतने की उम्मीद बंधी। जल्दी ही एम्स में उसका किडनी ट्रांसप्लांट होने वाला है।

आज विश्व गुर्दा दिवस के अवसर पर स्वर रंग ने अख्तर आलम के ओपरेशन के लिए एम्स में चेक जमा करवाया है।

ये कहानी तो सिर्फ़ एक अख्तर आलम की है मगर न जाने कितने ऐसे ही और अख्तर आलम हैं जो इस बीमारी और गरीबी से जूझ रहे हैं । ये कोई आम बीमारी नही है ये बीमारी किसी सुनामी से कम नही है जिसमे घर तबहा होने में समय लगे। बस इसकी जानकारी ही बचाव है ।


आज विश्व गुर्दा दिवस पर संकल्प ले।
  • हर साल अपने रक्त का एक बार जाँच करवाने का
  • अपने मरने के बाद अपने अंग दान करने का संकल्प ले

Appeal

  • your small help can save a precious life
  • come forward and join our mission to save kidney patients
  • take pledge to donate kidney and become a hope of ray for kidney patients.

2 टिप्‍पणियां:

  1. I wish, Akhtar Aalam's Sargam will reach to everyone's heart and he will be alright.

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  2. namaskar ji aapka blog dekh nk acchha laga aur main batana chahunga k main bhi abhi haal hi me bcom 1st yr ki padhai chhod kar patrakarita se judne k liye... journalism course kar raha hu

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