शनिवार, 4 अप्रैल 2009

हाल ही में मै भरतपुर, गोवर्धन, वृन्दावन, और मथुरा की दो दिन की यात्रा से लौटा हूँ यात्रा का प्रथम पड़ाव था भरतपुर जहाँ हमने भरतपुर का किला देखा, जिसे राजा सूरज मल जाट ने बनवाया था, किले में अब देखने लायक कुछ नही रहा है शिवाय एक संग्रालय के किले के अन्दर काफी हद तक अतिक्रमण हो चुका है, जगह जगह से महल अन्तिम सांसे गिन रहा है, भरतपुर से लौटते समय हमने राजस्थान के डीग के महल को देखने के लिए अपनी गाड़ी को उसकी दिशा में मोड़ ली, इन महलों की खासियत यह है की ये आधे पानी में हैं, इनको भी राजा सूरज मल ने ही बनवाया था और यहाँ राजा स्वयं निवास करते थे यहाँ हमे राजा की भोग विलासिता का साजो सामान देखने को मिला। डीग के महल देखने की इच्छा पुरी होने के बाद हमने गोवेर्धन का रुख किया जहाँ कुछ लोग हमारा इंतजार में रहे थे यहाँ हमने मानसी गंगा के दर्शन किए गोवेर्धन पर्वत के कुछ अंशो के भी दर्शन किए श्री गिरिराज जी की आरती में शामिल हुए। अगले दिन हमने चल पड़े मथुरा वृन्दावन की और जहाँ हमने सबसे पहले पुराणिक ब्रह्मकुंड के दर्शन किए। रंगनाथ जी का मन्दिर देखा जो काफी धनी मन्दिर है उन गलियों में घुमे जहाँ मन जाता है कभी भगवान श्री कृष्ण घूमा करते थे बिहारीजी के दर्शन के बाद हमने भगवन श्री कृष्ण के जन्म स्थली मथुरा का रुख किया यहाँ एक बात देखनो को मिली की किस तरह हिदुओं के धार्मिक स्थलों पर पूर्ण योजना के साथ किस तरह से आक्रमण किया गया है
इन्ही शब्दों के साथ आपके लिए यात्रा के दौरान ली गई कुछ तस्वीरें भी प्रेषित कर रहा हूँ जरा गौर कीजियेगा।
























































9 टिप्‍पणियां:

  1. It was good to look at you experiences. We move ahead by sharing what we like.

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  2. नीरज जी बहुत सुन्दर पोस्ट ,सभी फोटो सुन्दर और अच्छी हैं।

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  3. वाह जी वाह आज काफी दिनों बाद फिर से डीग के महल देखने का मौका मिला सच बहुत ही सुकुन मिलता है ब्रज की गलियों में दिल खुश हो जाता है लेकिन आजकी आधुनिकता के कारण दिल दुखता भी बहुत है

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  4. लेकिन आपका प्रयास बहुत ही काबिलेतारीफ है

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